मध्य भारत का फेफड़ा कहे जाने वाला छतीसगढ के हंसदेव जंगल को उजड़ने से बचाने के लिए फरवरी माह में सम्पूर्ण भारत क्रांति पार्टी वहां दौरा कर आदिवासियों के एवं अन्य संगठनों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का समर्थन करेगा और आंदोलन में भाग लेगा

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विजय शंकर नायक

उपरोक्त बातें आज संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी विजय शंकर नायक ने कहीं । उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के हंसदेव जंगल को बचाने के संबंध में महामहिम राष्ट्रपति महोदय श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, माननीय मुख्य न्यायाधीश , सर्वोच्च न्यायालय , भारत, माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार , माननीय केंद्रीय मंत्री, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को एक त्राहिमाम संदेश ईमेल के माध्यम से भेजा है ।
श्री नायक नें अपने भेजे गए त्राहिमाम संदेश में बताया है बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि छत्तीसगढ़ के हंसदेव जंगल में लगभग 50 हजार पेड़ रातों-रात विलुप्त हो गए या काट लिए गए कुछ दिन पहले हंसदेव के जंगल को राजस्व बढ़ाने के लिए खदान के नाम पर पेड़ों के अवधि धुंध कटाई की जा रही है यह जंगल जो की 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर भूमि में फैली हुई है यहां करीब 23 जंगली जानवरों का आश्रय स्थल है साथ ही साथ 2 हजार वर्ग किलोमीटर हाथी रिजर्व क्षेत्र है और यहां करीब 10,हजार आदिवासियों का निवास स्थान है ।
श्री नायक ने आगे कहा जाता बहू की खदान की नीलामी केंद्र सरकार ने की है कोरबा के हसदेव में कोयले का बड़ा भंडार मिला है केंद्र सरकार ने खदान की मीनिंग के लिए नीलामी भी कर दी है खदान की नीलामी होते ही खनन कंपनी ने अपना काम शुरू कर दिया अभी तक 137 हेक्टर भूमि का पेड़ काटा जा चुका है जिससे 10 हजार लोग विस्थापन के शिकार होंगे । केंद्र की सरकार अपने राजस्व बढ़ाने के लिए मध्य भारत का फेफड़ा कहे जाने वाला हसदेव जंगल को आज मैदान में तब्दील करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है जबकि सरकार को मालूम होना चाहिए कि व्यक्ति बिना बिजली के जिंदगी जी सकता है पर बिना शुद्ध ऑक्सीजन के बिना जीवन जीना कठिन ही नहीं नामुमकिन है अपेक्षा में उदारता और क्षमाशीलता जैसे गुण तो सिखाती है यह हमें सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना भी सिखाती है ।

श्री नायक में आगे कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा पेड़ काटने के कानून को बहुत ही सरल बना दी की दी गई है पेड़ काटने के नियम भारतीय वन अधिनियम 1927 और राज्य विशिष्ट वृक्ष संरक्षण कानून द्वारा शासित होता है सामान्य नियम यह है केवल विभाग की अनुमति के बिना पेड़ काटना गैर कानूनी है या निजी संपत्ति पर लगे पेड़ों पर भी लागू होता है आईपीसी की धारा 68 जुर्माना भर दिए जाने पर कारावास की समाप्ति की परिभाषित है पेड़ प्रकृति की ढाल होती है यह हमें ऑक्सीजन देते हैं पेड़ मानव का बहुत उपयोगी और मददगार मित्र है पेड़ पौधों को नष्ट करना यानी जीवन की हत्या करना जैसा जघन्य अपराध है और इसकी संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी शब्दों में इसकी निंदा करती है ।
श्री नायक ने यह भी बताया की पेसा औरत भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के अनुसार इस तरह के अभ्यास के लिए ग्राम सभाओं की सहमति आवश्यक है मगर छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा फर्जी बनाया गया था क्योंकि इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी ग्रामीणों को नहीं दी गई थी और ऐसी बैठकों की उपस्थिति शीट में कुछ हस्ताक्षर मृत ग्रामीणों के भी थे ।
श्री नायक में महामहिम राष्ट्रपति महोदय /सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश /भारत के प्रधानमंत्री/ केंद्रीय वन एवं पर्यावरण जलवायु परिवर्तन मंत्री से मांग किया है कि मध्य भारत का फेफड़ा कहे जाने वाला हसदेव जंगल को बचाने की दिशा में सकारात्मक ठोस पहल किया जाए और पृथ्वी पर जीवन को नष्ट होने से बचाया जाए अन्यथा जल जंगल जमीन जीवन एवं वन्य जीव तथा हो रहे आदिवासियों की विस्थापन से बचने हेतु संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी जन आंदोलन करने का कार्य करेगी और अभी तक इस संदर्भ में किया जा रहे हैं सभी आंदोलन का भौतिक रूप से जाकर समर्थन करने का काम करेगी ताकि जल जंगल जमीन वन्य जीव एवं आदिवासियों की रक्षा हो सके ।

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