Aditya l1 - भारत का ऐतिहासिक क्षण: इसरो की अद्वितीय सौर मिशन 'आदित्य-एल1' ने सूर्य की ओर सफलता से किया 'नमस्ते'

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न्यूज़ रिपोर्ट: 7 जनवरी 2024

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम ने एक और महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। इस सिरीज़ में, इसरो ने अपने एडित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को उसके अंतिम स्थान पर पहुंचा लिया है। यह सूर्य के बहुत करीब है और वहाँ पहुंचने के बाद भी इसने उसी जगह पहुंचा है जहाँ से इसे भेजा गया था। इस सफलता के बाद, देश के नेताओं में पीएम मोदी सहित कई लोगों ने बधाई भी भेजी है। प्रधानमंत्री ने लिखा है कि मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने के लिए राष्ट्र के साथ जुड़ता हूँ। हम विज्ञान के नए सीमाओं को पार करने के लिए मानवता के उत्थान के लिए नए सीमाओं को पार करते रहेंगे।

अदित्य की ओर यात्रा: इसरो का ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन 'आदित्य-एल1' ने लग्रांज पॉइंट 1 पर पहुंचाया

इसरो ने 2 सितंबर 2023 को शुरू हुई इस मिशन के बाद पाँच महीनों के बाद, 6 जनवरी 2024 की शाम को आदित्य-एल1 उपग्रह ने अपने लक्ष्य स्थान 'एल1 पॉइंट' पर पहुंच गया। यह पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य की वायुमंडली में गतिकी, सूर्य की कोरोना का ताप, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या 'कोरोनल मैस इजेक्शन' (सीएमई), सूर्य के फ्लेयर-संबंधित गतिविधियों और उनकी विशेषताओं और पृथ्वी के करीबी अंतरिक्ष में हो रही मौसम से जुड़ी समस्याओं को समझना है।

सूर्य के रहस्यों का खुलासा: आदित्य-एल1 मिशन से मिलेगी जानकारी

विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिशन का उद्देश्य केवल सूर्य के अध्ययन के लिए नहीं है। वाणिज्यकों का यह निर्णय है कि सूर्य के तूफानों के बारे में भी जानकारी मिलेगी। 'एल1 पॉइंट' के आस-पास 'हेलो ऑर्बिट' में सूर्य को सतत रूप से देखा जा सकता है। इससे सूर्य की गतिविधियों और इसक
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