एसडीओ, राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों को दी गयी सूचना 7 जनवरी को तैयारी बैठक रांची में
रामगढ़ क्रांति की धरती है. आजादी की लड़ाई के समय रामगढ़ की पवित्र धरती पर हमारे आदर्श राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के भी चरण पड़े हैं, और सबसे बड़ी बात तो यह है कि यहीं दामोदर नदी के किनारे बापू का समाधि स्थल भी है. झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में भी रामगढ़ की क्रांतिकारी धरती का काफी योगदान रहा है. यहां तक कि वैश्य आंदोलन और अभियान की शुरुआत भी रामगढ़ जिले के भुरकुंडा से की गई थी. इसलिए एक बार फिर से ओबीसी को 27% आरक्षण, जाति आधारित जनगणना, वैश्य आयोग का गठन, छोटे व्यवसायियों-दुकानदारों की 10 लाख रु. तक की ऋण माफी, वैश्य समाज की हो रही जमीन लूट, सरकारी उपेक्षा, अनदेखी, पुलिसिया अत्याचार, अपहरण, हत्या, लूट, प्रताड़ना के खिलाफ आदि मुद्दों को लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर आगामी 30 जनवरी से रामगढ़ स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर मैं स्वयं (महेश्वर साहु) भूख हड़ताल पर बैठूंगा. यह चार दिवसीय भूख हड़ताल रात-दिन का है, जो 72 घंटे बाद 2 फरवरी को समाप्त होगा. इस कार्यक्रम में प्रत्येक दिन झारखंड के विभिन्न जिलों के सैंकड़ों पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल होंगे. प्रत्येक दिन विभिन्न राज्यों के वैश्य नेताओं को भी आमंत्रित किया जा रहा है. अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए वैश्य मोर्चा तैयार है. उपरोक्त जानकारी झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु ने दी है. श्री साहु ने बताया कि इस संबंध में रामगढ़ के एसडीओ, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, आयुक्त (हजारीबाग) एवं उपायुक्त (रामगढ़) को सूचना दी जा चुकी है.
इस भूख हड़ताल कार्यक्रम की व्यापक तैयारी के लिए 7 जनवरी को रांची में वैश्य मोर्चा के केंद्रीय पदाधिकारियों तथा जिला अध्यक्षों की बैठक रखी गयी है.