- राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 13 साल पहले ईशनिंदा के लिए केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काटने के मामले में अंतिम और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है।
- इडुक्की जिले के थोडुपुझा में न्यूमैन कॉलेज के प्रोफेसर टी जे जोसेफ का दाहिना हाथ चार जुलाई, 2010 को प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं ने काट दिया था।
- मामले का मुख्य आरोपी सवाद पिछले 13 वर्षों से फरार था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
- प्रोफेसर टी जे जोसेफ ने कहा कि उन्हें इस मामले में मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि उनका अब भी मानना है कि मुख्य अपराधी, उन पर हमले के पीछे के ''मास्टरमाइंड'' अभी भी छिपे हुए हैं।
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि मामले का मुख्य आरोपी सवाद पिछले 13 वर्षों से फरार था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उन्होंने बताया कि सवाद को बुधवार सुबह कन्नूर के मट्टनूर से गिरफ्तार किया गया।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रोफेसर टी जे जोसेफ ने कहा कि उन्हें इस मामले में मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि उनका अब भी मानना है कि मुख्य अपराधी, उन पर हमले के पीछे के ''मास्टरमाइंड'' अभी भी छिपे हुए हैं।
प्रोफेसर ने कहा कि गिरफ्तारी पुलिस के लिए राहत की बात हो सकती है, लेकिन इस मामले में उनकी दिलचस्पी किसी अन्य व्यक्ति जितनी ही है। जोसेफ ने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि किसी आरोपी की गिरफ्तारी या सजा से पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
पिछले साल जुलाई में केरल की एक एनआईए अदालत ने मामले में दोषी ठहराए गए छह लोगों में से तीन को यह कहते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी कि यह ''आतंकवादी कृत्य'' था जिसके लिए दोषी ''किसी भी नरमी के लायक नहीं हैं।'' मामले में अपराधियों को शरण देने के लिए बाकी तीन दोषियों को तीन साल की सजा सुनाई गई थी।