जन्मदिन-10जनवरी है प्रीत जहां की रीत सदा ,Birthday - 10 January, Preet Jahan's tradition is always there.

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(डॉ.मुकेश कबीर-विभूति फीचर्स)
 महेंद्र कपूर की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि कोई भी राष्ट्रीय पर्व उनके बिना पूरा नहीं होता,आज भी गणतंत्र दिवस पर सारे देश में उनके ही गाने सुनाई देते हैं। गायक के तौर पर भले ही महेंद्र कपूर एक एवरेज सिंगर थे लेकिन उनकी आवाज में जो ओज था उसके कारण देशभक्ति गानों के वो पेटेंट सिंगर बन गए।फिल्मों में मुकेश,तलत मेहमूद और महेंद्र कपूर अपनी अलग आवाज के कारण ही सफल हुए वरना उस दौर में रफी साब और किशोर दा के सामने टिकना किसी के वश की बात नहीं थी।

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वो दौर भी इंसानियत का था आज की तरह एक दूसरे को डोमिनेट करने के बजाए कलाकार एक दूसरे का सपोर्ट करते थे और फिल्में भी "कला" होती थी "प्रोडक्ट" नहीं,कलाकार रिश्तों को मानते थे,वचन के पक्के होते थे ऐसा ही एक वचन रफी साहब और महेंद्र कपूर ने एक दूसरे को दिया था कि वो दोनों साथ में कभी नहीं गाएंगे और दोनों ने इस वचन को निभाया सिर्फ क्रांति फिल्म में मनोज कुमार की जिद के कारण यह वचन टूटा लेकिन ताउम्र रफी साहब से उनका रिश्ता पिता पुत्र और गुरु शिष्य जैसा रहा। महेंद्र कपूर की आवाज मखमली थी और उसमें ओज का अद्भुत मिश्रण था जिसके कारण वो रात वाले शो में भी सिहरन पैदा करती थी और दोपहर में भी बांध लेती थी और देशभक्ति में तो वो ऐसे फिट बैठे कि आज भी उनके गाने रोंगटे खड़े कर देते है,जरा सुनिएगा "है प्रीत जहां की रीत सदा"...खैर अब तो न वो गीत रहे ना वो संगीत, दुनिया बदल रही है लेकिन क्या करें "बीते हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी।(विभूति फीचर्स)

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