झारखंड - झारखंड राज्य के सर्व प्राचीन एवं सर्वाधिक कही जाने वाली भाषा "बांग्ला" के संरक्षण के लिए राज्य के निवासियों ने महाराज्यपाल से मिलकर आग्रह किया है। मातृभाषा के महत्व को बताते हुए, उन्होंने बांग्ला भाषा के मिटने से होने वाले संभावित प्रभावों की चिंता जताई है।
मांगपत्र की मुख्य बातें:
1. सभी सरकारी विद्यालयों में बांग्ला भाषा की पढ़ाई को पुन: सुरक्षित करने की मांग की गई है।
2. राज्य के सभी विद्यालयों में वर्ग एक से दश तक के सभी विषयों की किताबें बांग्ला में मुद्रित होने की आवश्यकता को उजागर किया गया है।
3. बांग्ला शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रयास किया जा रहा है ताकि भाषा का अध्यायन सफल हो सके।
4. बांग्ला अकादेमी का स्थापना होने की मांग की गई है, जिससे भाषा के संरक्षण को और बढ़ावा मिले।
5. अल्पसंख्यक आयोग में भाषाई अल्पसंखकों की प्रतिनिधि की नियुक्ति की जा रही है।
6. रेलवे स्टेशनों के नामों को बांग्ला में अंकित करने की मांग की गई है ताकि भाषा का सम्मान मिले।
7. द्वितीय राज्य भाषा की दर्जा प्राप्त बांग्ला भाषा को वास्तविक रूप से कार्यान्वयन होने की मांग की गई है।
इस मांगपत्र के माध्यम से झारखंड के निवासियों ने बांग्ला भाषा के संरक्षण के लिए सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता को जताया है और सरकार से इस प्रकार की कड़ी कड़ी मांगें की हैं।