क्राउड फंडिंग के बहाने क्राउड और फंड तलाशती कांग्रेस , Congress looking for crowd and funds in the name of crowd funding

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✍️राकेश अचल -विभूति फीचर्स
 क्राउड फंडिंग एक ऐसा लोकप्रिय फंडा है जिससे जनता द्वारा सीधे नगद सहायता हासिल की जाती है। क्राउड फंडिंग सोशल मीडिया पर बहुत बाद में चलन में आया लेकिन ये फण्डा है बहुत पुराना । किसी बीमार की मदद से लेकर देश की आजादी के आंदोलन तक के लिए समझदार लोगों ने क्राउड फंडिंग ' का फार्मूला अपनाया है । साल 2023 के अंत में देश की सबसे पुरानी लेकिन सबसे कमजोर पार्टी कांग्रेस ने ' ' क्राउड फंडिंग ' का अभियान आरम्भ किया है।माना जा रहा है कि इस समय कांग्रेस पार्टी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है।
चुनावी बॉण्ड के जरिये राजनीतिक दलों ने खूब पैसा जमा किया। कांग्रेस समेत चार अन्य क्षेत्रीय दलों ने १२४५ करोड़ रूपये जमा भी किये लेकिन सबसे ज्यादा पैसा सत्तारूढ़ भाजपा को मिला। चुनावी बांड पहली बार वर्ष 2018 में जारी हुआ और तब से लेकर अब तक 11 बार जारी किया जा चुका है इसमें बांड खरीदकर आप किसी भी सियासी दल को पैसा दे सकते हैं। इस बांड पर कोई ब्याज नहीं मिलता। धन संग्रह की ये योजना जल्द ही अदालती फेर में पड़ गयी। सुप्रीम कोर्ट इन दिनों मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के जरिए राजनीतिक दलों के वित्तपोषण के लिए चुनावी बांड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
 इस बारे में अदालत चार याचिकाओं पर विचार करने वाली है।
दस साल से सत्ता से दूर कांग्रेस इस समय धन की कमी से जूझ रही है ।
दरअसल कांग्रेस 138 साल की यात्रा का जश्न मना रही है,इसलिए लोगों से 138 के गुणांक में चंदा देने की अपील की गई है। कांग्रेस का ये अभियान महात्मा गांधी के ऐतिहासिक 'तिलक स्वराज फंड' से प्रेरित है, जिसे 1920-21 में शुरू किया गया था। भाजपा ने इस अभियान को लेकर कांग्रेस को घेरा है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि जिन्होंने 60 साल तक देश को लूटा, वो अब उसी देश से चंदा मांग रहे हैं। 
कांग्रेस का ऑनलाइन क्राउड फंडिंग "डोनेट फॉर देश",का मकसद एक बूथ के 10 घर तक दस्तक देने का है ।
 कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी क्राउड फंडिंग अभियान में दान दिया। दान देने के बाद राहुल ने कहा कि प्रगतिशील भारत के लिए यह उनका योगदान है। इसी के साथ उन्होंने लोगों से भी अभियान का हिस्सा बनने के लिए आग्रह किया है। गांधी ने अपने दान की राशि सार्वजनिक नहीं की। क्राउड फंडिंग से कांग्रेस को फंड और क्राउड दोनों हासिल करना है । कांग्रेस को इस अभियान में कितनी कामयाबी मिलेगी कहा नहीं जा सकता ,पर यह अटल सत्य है कि जिस राजनीतिक दल के पास सत्ता की जितनी ज्यादा चाबी होतीं हैं उसे उतना ज्यादा पैसा मिलता है।(विभूति फीचर्स)

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