Ichagarh - सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के डुमरा, पुड़ीहेंसा, सालुकडीह, पिलीद आदि गांवों में हाथियों का कहर जारी है। आए दिन हाथीयों का झुंड जान माल की क्षति पहुंचाने के साथ ही खेत खलिहानों में जाकर धानों को रौंदकर नष्ट कर रहा है। किसान एक साथ खराब मौसम और हाथीयों की कहर से जुझ रहे हैं। वहीं शनिवार की अहले सुबह 45-50 की संख्या में डुमरा, पुड़ीहेंसा व सालुकडीह में खेतों में कटे व खड़े धानों को रौंदकर नष्ट कर दिया। डुमरा गांव के सीताराम पातर का चौकबंदी खेतों में करीब 6 एकड़ में कटे व खड़े धानों को मसलकर व रौंदकर नष्ट कर दिया। वहीं हाथीयों ने शांति पातर, सुनीता पातर,कालीनाथ सिंह मुण्डा, चांदमनी देवी, सत्यवती सिंह मुण्डा, पुड़ीहेंसा के चौदधरी महतो सहित दर्जनों किसानों के खेतों व खलिहानों में रखे धानों को रौंदा।
बताया जा रहा है कि पिलीद व बड़ा चुनचुङीया के पास झाड़ी जंगलों में करीब 50 हाथी डेरा जमाया हुआ है। किसान दिन को अपने खेतों में धानों को काटने व समेटने में व्यस्त हैं, वहीं रात को हाथीयों से अपने खेतों को बचाने में रात जगा कर रात गुजारने में मजबूर हैं। दिनों दिन हाथियों का समस्या एक विकराल रूप ले रहा है। रात को एक दुसरे गांवों में आने-जाने के लिए भी सोचना पड़ता है। वनरक्षी कैलाश महतो ने भी गांव पहुंचकर क्षति का आकलन कर फार्म भरने को कहा। वहीं सुनीता पातर ने बताया कि आज सुबह करीब 2 ढाई बजे 45-50 हाथियों ने डुमरा गांव में आकर खेतों में खड़े व कटे धानों को रौंद दिया। उन्होंने कहा कि हमारे ही 6 एकड़ में लगे धानों को रौंद कर नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि वन विभाग से मांग है कि हमें उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि अपना क्षति का भरपाई हो सके । उन्होंने कहा कि हमारी साल भर का कमाई व मेहनत बेकार हो गया।