Ranchi: संथालों का सर्वश्रेष्ठ धार्मिक धरोहर लुगू बुरु में प्रस्तावित डीवीसी द्वारा हाइडिल पावर प्रोजेक्ट परियोजना को अविलंब हेमंत सरकार रद्द करें अन्यथा इसके खिलाफ उग्र आंदोलन होगा

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विजय शंकर नायक

 उपरोक्त बातें आज झारखंड बचाओ मोर्चा के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने आज झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन को भेजे गए अपने ईमेल पत्र के माध्यम से कहीं इन्होंने कहा की संथाली समाज इसके विरुद्ध आंदोलनरत है , जिसके तहत पांच नवंबर को आदिवासी आक्रोश महाजुटान रैली कर अपने आक्रोश को आंदोलन के माध्यम से हेमंत सरकार का ध्यान आकृष्ट कर चुकी है । ऐसे में सरकार का कर्तव्य बनता है कि वह संथाली समाज के भावनाओं को कद्र करते हुए अविलंब इस परियोजना को रद्द करना चाहिए ताकि संथाली समाज के भावनाओं को एवं धार्मिक आस्था को सम्मान दिया जा सके ।

श्री नायक ने आगे कहा कि वर्तमान में आदिवासी संथाल समुदायों के धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, जल , जंगल, जमीन एवं संवैधानिक अधिकारों पर अतिक्रमण किया जा रहा है। आदिवासी संथाल समुदाय को अपना धर्म, संस्कृति, रीति रिवाज, पूजा पद्धति, पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, जल, जंगल, जमीन एवं संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए आज सभी राजनीतिक दल पार्टी की बात छोड़कर माटी की बात कर समाज हित में एकजुट होकर काम करना चाहिए । इन्होने यह भी कहा कि वर्तमान में हेमंत सरकार आदिवासी आस्था को ठेस पहुंचाने का कार्य कर रही है जो निंदा का विषय है साथ ही साथ आक्रोश का विषय भी है । 
श्री नायक ने सरकार से निवेदन करते हुए कहा कि इस परियोजना को अविलंब निरस्त करने की दिशा मे आवश्यक कार्रवाई करे । पूर्व मे भी इसी तरह मारांग बुरु (पारसनाथ) पहाड़ जहां पर सदियों से आदिवासियों का जुग जाहेर, माझी थान स्थित है, वहां भी षड्यंत्र के तहत एक समुदाय द्वारा वहां अतिक्रमण कर केंद्र सरकार को गुमराह कर मारांग बुरु (पारसनाथ) पहाड़ को हथियाने का प्रयास कर रही है । इन्होने यह भी बताया कि इन सभी मुद्दों को लेकर दिनांक 5 नवंबर को लुगू बुरु घंटा बाड़ी, धोरोम गाढ़, लालपनिया, बोकारो में विराट जन आक्रोश महाजुटान का आयोजन कर आदिवासी समाज ने सरकार का ध्यान आकर्षित करने का काम किया है ताकि कल अगर उग्र आंदोलन होता है और अगर सरकार इस बिंदु को अनदेखी करने का काम करती है तो उस आंदोलन की जिम्मेवारी सरकार पर होगी क्योंकि अभी तक शांतिपूर्ण संवैधानिक तरीके से आंदोलन कर सरकार का ध्यान इस बिंदु पर आकृष्ट कराया जा रहा है अगर इसके बाद भी सरकार की नींद नहीं खुलता है तो संपूर्ण जवाब दे ही हेमंत सरकार की होगी ना कि आदिवासी संगठनों पर इस जन आंदोलन को झारखंड बचाओ मोर्चा पूर्ण रूप से समर्थन करती है।

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