Poem- by karuna may mandal

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" तेइस वर्ष है उम्र मेरी
        परेशान हूं राजनेताओं से।
मेरी दुःखद दशाओं से
      तंग हूं भाग्य विधाताओं से।।
मेरे एक एक आकाओं ने
     अपने तरफ खींचना चाहा।
आज तक तो किसी ने भी
     ढंग से नहीं सींचना चाहा।।
अरे क्या कमी थी मुझ पे
      योवानी के दहलीज में हूं।
सुंदर हूं सौंदर्य संभार भरी हूं
     फिर भी गरीबी में हरगिज हूं।।
स्वार्थ की राजनीत से जन्मी हूं
       मानो जन्म से ही बीमार हूं।
सब ने स्वार्थ सिद्ध किए अपना
        मैं राजनीतिक शिकार हूं।।
मेरी अंग अंग में संपदा है
       पर मानो मैं कोई शापित हूं।
आज तक सिर्फ लुटाई हूं
       कंहा सम्मान से स्थापित हुं।।
तेईस साल में किसी ने ढंग से
        मेरे बारे में सोचा ही कंहा।
मेरी दुःख दर्द देखा ही कंहा
        मेरा आंसू पोंछा ही कंहा।।
मेरे साथ जो जन्मी पड़ोसन
        विकसित हुई चारों ओर।
हमारी दिल में आज भी जारी है
    शिक्षा स्वास्थ्य भुख की शोर।। 
अभागीन मैं आज भी रोती
      कब मिटेगी दुर्भाग्य प्रचण्ड।
कब मुझे सही सम्मान मिलेगी
  कब बनुंगी मैं विकसित झारखंड।?
 .......🙏"जय झारखंड"🙏........
              करुणा मय मंडल
          पूर्व जिला पार्षद, पोटका
           पूर्वी सिंहभूम, झारखंड
         मोबाईल - 9693623151
           दिनांक - 15/11/2023
          समय - प्रात: 2.36 मिनिट
🙏🌹विरशा भगवान के शुभ जयंती एवं उनके पावन धरती झारखंड की स्थापना दिवस पर समग्र प्रदेश वासिओं को हार्दिक बधाई, - आइए हम सब मिलकर इसे सुंदर बनाएं हर स्तर पर बेहतर बनाएं 🌹🙏

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