बिना बचत के अस्पताल के बिल को कम करने की मानवता की मिसाल , Karan Gorai

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जमशेदपुर: आज हम एक ऐसी कहानी प्रस्तुत कर रहे हैं, जो माँ दुर्गा के आशीर्वाद से बनी है, और जिसमें मानवता का सबसे ऊंचा स्वरूप दिखाई देता है। फारेंगा गाँव के निवासी श्री गौतम महतो के पुत्र, रोबिन महतो की यह कहानी है, जिन्होंने अपने छोटे से प्रयास से एक महत्वपूर्ण संघटन किया।

रोबिन महतो गंगा मेमोरियल अस्पताल में भर्ती थे, जब उनके परिवार को बिल का भुगतान करने में मुश्किल हो गई। अस्पताल का बिल उनके पास 20,000 रुपये थे, लेकिन गौतम महतो जी के पास केवल 16,000 रुपये थे। इसके परिणामस्वरूप, उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई और बिल चुकाने के लिए समस्याएं उत्पन्न हो गई।

इस परिस्थिति में, समाजसेवी श्री करन गोराई ने किया कार्यवाही करने का फैसला लिया। उन्होंने डाँक्टर एन. सिंह सर के साथ मिलकर, बकाया राशि को कम करने का निर्णय लिया, जिससे गौतम महतो जी को केवल 16,000 रुपये ही चुकाने की सुविधा मिली। यह सुविधा न केवल उनके लिए बल्कि उनके पूरे परिवार के लिए एक बड़ा आराम साबित हुआ।

श्री करन गोराई ने बिल को माफ कराने के साथ ही एक अद्वितीय मानवता के संदेश को भी दिया है, जिसमें सभी को एक-दूसरे की मदद करने का मौका मिलता है।

श्री करन गोराई ने कहा, "मेरा सौभाग्य है कि मुझे सेवा करने का मौका मिला। मानवता हम सब की साझा ज़िम्मेदारी है, और इसका हमें सच्चा अनुसरण करना चाहिए।"

इस अद्वितीय कदम से, श्री करन गोराई ने हमें याद दिलाया कि हम सभी मिलकर एक बेहतर और मानवीय समाज की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। उनके इस सराहनीय कृत्य के लिए हम सभी उन्हें धन्यवाद देते हैं।

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